अनेक जीव घोर अंधेरे में भी साफ-साफ कैसे देख लेते हैं ?

अनेक जीव घोर अंधेरे में भी साफ-साफ कैसे देख लेते हैं ?

दोस्तों हमारे मन अक्सर यह सवाल आती है कि-अनेक जीव घोर अंधेरे में भी साफ-साफ कैसे देख लेते हैं ?यदि मनुष्य प्राणी घोर अंधेरे में अपनी आँखों को खुला रखें तो उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देगा। लेकिन प्रकृति में ऐसे अनेक प्राणी हैं जो घटाटोप अंधेरे में भी साफ देख सकते हैं। ऐसा वे अपनी आँखों में प्रकाश परावर्तित कर सकने वाली शक्ति के कारण कर सकते हैं। इसका वैज्ञानिक रहस्य क्या है? आइए उसे ज्ञात करें।

जब किसी वस्तु से परावर्तित होने वाली प्रकाश की किरणें हमारी आँखों के बीच स्थिति रेटिना पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाती हैं, तब हम उस वस्तु को देख पाते हैं। अतः सामान्यतः किसी जीव के लिए बिल्कुल अंधेरे में कुछ भी देख पाना संभव नहीं होता। लेकिन कुछ जीव जैसे बिल्ली या शार्क आदि बहुत धुंधली रोशनी में भी बहुत कुछ देख सकते हैं।

ऐसा उनकी आंखों की विशेष रचना के कारण होता है। उनकी आंखों में, हमारी आंखों की अपेक्षा ‘रॉड-कोशिकाएं’ अधिक होती हैं जो मध्यम प्रकाश के प्रति भी संवेदनशील होती हैं।

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कुछ जीवों जैसे उल्लू की आंख का ‘प्यूपिल’ बहुत बड़ा होता है जिससे उसकी आँखों में अधिक प्रकाश जा सकता है। इसके अलावा ऐसे जीवों के ‘रेटिना’ में एक झिल्ली भी होती है जो दर्पण की तरह प्रकाश को अंदर की ओर परावर्तित कर सकती है। इस प्रकार ये रात के समय भी ज्यादा से ज्यादा प्रकाश को समेट लेते हैं।

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चमगादड़ जैसे कुछ जीव जो सघन अंधेरे में भी अपना शिकार ढूंढ लेते हैं। ऐसा वे अपने शिकार को देखकर नहीं, बल्कि उसकी आवाज को पहचानकर अथवा अनुमान के आधार पर शिकार कर पाते हैं।

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