ओजोन परत क्या है?उसमें छिद्र होने के क्या खतरे हैं ?ओजोन दिवस कब मनाया जाता है?

ओजोन परत क्या है?उसमें छिद्र होने के क्या खतरे हैं ?ओजोन दिवस कब मनाया जाता है?

हेलो दोस्तों आज हम इस पोस्ट में ओजोन परत के बारे में जानकारी शेयर करेंगे हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी के बच्चे सर्च करते हैं या जानना चाहते हैं कि-ओजोन परत क्या है?ओजोन दिवस कब मनाया जाता है?उसमें छिद्र होने के क्या खतरे हैं ?आजकल समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में भी ओजोन परत में छिद्र हो जाने के समाचार अक्सर देखने को मिल जाते हैं। उस पर चिंता भी जताई जाती है। किन्तु वास्तव में ओजोन परत है क्या, उसमें छिद्र हो जाने के क्या खतरे हैं, यह बहुत कम लोग जानते हैं।

ओजोन परत क्या है?

ओजोन परत सम्बन्धी यह संक्षिप्त वैज्ञानिक जानकारी हमारे लिए बहुत उपयोगी है: हमारी पृथ्वी का वायुमंडल मुख्यतः पांच भागों में बंटा हुआ है। पृथ्वी से 10 किमी. तक का भाग स्ट्रेटोस्फीयर, 40 से 700 किमी. तक का भाग थर्मोस्फीयर तथा 700 किमी. से ऊपर का भाग एक्सोस्फीयर कहलाता है।इसे भी जरुर………..प्लास्टिक सर्जरी क्या है?भारत में प्लास्टिक सर्जरी हॉस्पिटल के नाम

स्ट्रेटोस्फीयर (10-40 किमी.) वाले भाग में ओजोन नामक गैस की अधिक सान्द्रता देखी गई है जिसके फलस्वरूप पृथ्वी के ऊपर ओजोन गैस की एक परत सी बन गई है। इसे ओजोन परत कहते हैं। यह परत केवल कुछ मिमी. मोटी होती है। लेकिन हमारे जीवनके लिए बहुत आवश्यक और महत्वपूर्ण है। यह सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी पर विचरण करने वाले जीवन की रक्षा करती है।

ओजोन दिवस कब मनाया जाता है?

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ओजोन दिवस 16 सितम्बर को मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर ओजोन डेमानाने का उद्देश्य लोगों को ओजोन के महत्व बारे में लोगों को जागरूक करना है।

ओजोन परत छिद्र होने के क्या खतरे हैं ?

यदि ओजोन परत न हो तो पृथ्वी पर आने वाली पराबैंगनी किरणें पर्यावरण के लिए तो घातक सिद्ध होंगी ही, वे कैंसर जैसे असाध्य रोगों का कारण भी बन सकती हैं। यही कारण है कि दक्षिणी ध्रुव पर ओजोन परत में दिखाई दे रहा छेद वैज्ञानिकों के लिए चिन्ता का कारण बन गया है।क्यंकि इस समस्या के प्रति पुरे देशवासी को जागृत अवेयर होने की जरुरत नही तो हमारी मानव सभ्यता ही खतरे में आ जाएगी ।

ओजोन परत में छिद्र होने का प्रमुख कारण अत्यधिक प्रदुषण का होना है हमें न्यूज़ आदि के माध्यम से पता चलता है की चीन ,जापान जैसे देशों के नागरिक लोकल जगह जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा से सायकिल का उपयोग करते जिससे बहुत हद तक प्रदुषण को कंट्रोल कर पाते हैं ।

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