भूत कैसे आता है? क्या सच में भूत होता है?

भूत कैसे आता है? क्या सच में भूत होता है?bhut kaise aata hai?

दोस्तों आज हम भूत [ghost] के विषय पर बात करेंगे ,जब कभी भूत के बारे में बात होती है तो सहजरूप से हमारे मन में में कुछ प्रश्न आने लगाती है जैसे -भूत कैसे आता है? क्या सच में भूत होता है? इस दुनिया में बहुत कुछ बातें सच होती है और बहुत कुछ बातें झूठ। वस्तुओं को मापने का निश्चित पैरामीटर होती है, जैसे तराजू, इलेक्ट्रानिक मशीन, लम्बाई चौडाई नापने के लिए, टेप / फीता आदि| परंतु कुछ तथ्यों को समझने के लिए हमें अपने विवेक का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।लेकिन भूत’ को कैसे पता करें भूत कैसे आता है? क्या सच में बहुत होता है? तो आज हम इसी Topic (विषय) के बारे में पढेंगे।

भूत क्या है ?bhut kya hai?

भूत एक काल्पनिक पात्र है भूत का वास्तविकता से  कोई संबंध नही होता। विज्ञान ने भूत  को बहुत खोजने का प्रयास किया लेकिन आज तक भूत का कोई भी साक्ष्य विज्ञान के हाथ नहीं लगी। तभी तो सरकारं  (Grovernment) इस नतीजे पर पहुँचा कि ‘भूत सिर्फ एक झूठ है अंधविश्वास है इसका कोई भी आधार नहीं और तब सरकार ने उसके खिलाफ विधेयक पास कर कानून का निर्माण कीया जिसके तहत किसी महिला को टोनही या डायन कहने पर उसको कानूनन, सजा  का प्रावधान होगा।

मैं सौ प्रतिशत दावे के साथ कह सकता हूँ कि इस पूरे ब्राम्हांड में ‘भूत’ का  कोई अस्तित्व नही है  भूत का दूसरा नाम ‘डर’ है।’ डर ही भूत  है व भूत ही डर है ।

जरा तर्क करो अगर इंसान का भूत होता है तो प्रश्न उठता है कि – अन्य जीव-जंतुओं का भी भूत होता होगा ?

हमनें इंसान का भूत के बारे में सुने व पढ़े हैं परंतु चींटी. गक्खी, मछली, हाथी, मगरमच्छ, शेर व घोड़ा का भूत का नही सुने होंगे

गर इंसान के भूत को सच मानोगे तो शेर, बकरी, हाथी ,घोड़ों के भूत को सच मानना पड़ेगा| विश्व की बहुत बड़ी आबादी माँस के लिए बकरा, मछली व चिकनआदि को मारकर खाता है ऐसे में इनका असंख्य भूत हमारे अंदर हो जाता।

गर भूत होता तो हम शेर या हाथी का भूत पकड़ अपने वश में कर अपने स्वार्थ या  हित’ के लिए इस्तेमाल कीया जा सकता था। गर भूत होता तो हम बहुत सारे काम कर सकते थे जैसे चोरों को पकड़ना, मुजरिम का पता लगाना आदि

भुत \भ्रम

हमारी सबसे बडी गलती है कि हम किसी भी बात को बस मान लेते हैं तर्क नही करते। भूत की शुरुआत हमारे बचपन से ही हो जाती है। बचपन से ही हम अपने दादा-दादी, नाना-नानी या बुजुर्गों से भूत के बारे में सुनते हैं और वहीं से भूत की अवधारणा हमारी मस्तिष्क में आ जाती है 1

गर पुराने समय की बात करें तो लोगों शिक्षा का अभाव था घोर रुढ़िवादी का बोलबाला था जैसे शुभ-अशु, बिल्ली का आर काटना, छींक आना आदि आदि। शिक्षा के अभाव के कारण लोग तर्कवादी नही होते थे और अंधविश्वास को ढो रहे थे ।

और इस तरह भूत की कहानी सुनते हुए हम बड़े होते और इसको पक्का मान लेते है। लेकिन आज विज्ञान के आधार पर मैं दावे के साथ कह
सकता हूँ कि भुत का कोई अस्तित्व नही है।

भूत कैसे आता है? क्या सच में भूत होता है?भूत/भ्रमbhut kaise aata hai,kya sach men bhut hota hai?भूत कैसे आता है? क्या सच में भूत होता है?

भूत कैसे आता है, भूत का लगना’ जो व्यक्ति भूत’को मानता है उनके अंदर सहज रूप से भूत का डर भी रहता है। कल्पना करो आप अकेले रास्ते पर जा रहें है और हमारे सामने अचानक से शेर आ जाये तो क्या होगा ? अत्याधिक डर के कारण से बेहोश हो जायेंगे। ठीक इसी प्रकार भूत की खयालात और अकेलेपन के कारण भी व्यक्ति बेहोश हो जाता है अर्थात् भूत की कल्पना कर अकेले या सुनसान जगह होने कारण व्यक्ति बेहोश हो जाता है जिसे हम भूत जकड़ा है कहते हैं और इससे तांत्रिक लोगों की व्यवसाय चलता है दूसरे शब्दों में कहूँ तो भूत का जकड़ना एक मानसिक बिमारी है और कुछ नही।

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सिजोफ्रेनिया क्या है ? क्या सिजोफ्रेनिया से ग्रसित लोग ठीक होते हैं हिंदी में what is schizophrenia?

‘सिजोफ्रेनिया’ एक मानसिक बिमारी का नाम है। ईस बिमारी से ग्रसित लोगों में अजीबोगरीब लक्षण दिखाई देता है गर आप पहली बार ऐसे लोगो को देखेंगे तो यकीनन आपको भ्रम हो जायेगी कि इनको बिमारी हुआ है या इन पर दैवीय या भूत प्रेत बाधा है। यह बिमारी खासकर- किशोरावस्था में महिला या पुरुष किसी को भी हो सकती हैं।

‘सिजोफ्रेनिया’ के लक्षण- उनमें गुरुआती लक्षण जैसे परिवार रिश्तेदार व दोस्तों से खुद को अलग कर लेना, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, किसी भी काम पर फोकस न कर पाना, अकेलापन रहना पसंद करना लेकिन तरीके कुछ सालों बाद इनके लक्षण का स्वरूप पूरी तरह बदल जाते है। जैसे-

सिजोफ्रेनिया के मरीज  को ऐसा लगता है कि उनके आसपास कोई है कोई उन्हें आवाज दे रहा है बुला रहा है किसी के आहट की आवाज सुनाई देना, उनको ऐसा लगता है कि कोई दैवीय शक्ति उन पर सवार हो गई है। ऐसे मरीज पूरी तरीके से काल्पनिक दुनिया को सच मानने लगता है, ऐसे  लोग समाज को गलत ठहराता है  व अपने आपको सही मानता है।

‘सिजोफ्रेनिया’के उपचार के बारे में बात करें तो अभी तक इसकी परमानेंटली कोई भी उपचार नही है ,हाँ temporory अस्थाई तौर पर मनोचिकित्सक ऐसे मरीजों का इलाज करते हैं ,जिसमें मरीज की आंशिक लाभ होता है ।

भूत से पीछा कैसे छुड़ाएं

अगर आप थोड़ा भी तर्कवादी हैं और आपके आसपास कोई भूतहा व्यक्ति (भूत से पिडित) है तो आप उन्हे, मनोचिकित्सक (जो मन के बिमारी का इलाज करता हो) के पास ले जाने के सलाह दें। मनोचिकित्सक भूत की बिगारी को सौ प्रतिशत सही कर देता है।तर्क करो कैसे बनता होगा भुत?

भूत/चमत्कार”श्याम मानव”की चुनौति

श्याम मानव महाराष्ट्र की संस्था” अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति “के अध्यक्ष हैं जो पिछले कई से चुनौती दे रखी है की जो कोई भी किसी प्रकार की चमत्कार या भुतत प्रेत प्रकट दिखा दे ,तो उसको 21 लाख रूपये का इनाम घोषित कर रखे हैँ {हालाँकि इसके लिए 3 लाख रूपये  जमानत जमा करनी पड़ेगी और आप चमत्कार दिखाने में सफल होते हैँ तो यह 3लाख रु वापस  व साथ में 21लाख रूपये का इनाम राशि दिया जायेगा | लेकिन आज तक किसी ने चमत्कार या शक्ति नहीं दिखा पायें हैँ |

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